दोस्तों कहानियां सुनना किसे नहीं पसंद हम सभी बचपन से कहानियां सुनते आए हैं कभी हमारी दादी सुनाती थी कभी हमारी नानी सुनाती थी लेकिन जब बात आती है कहानी देखने की तो हम असहज सा महसूस करते हैं। हम चाह कर भी कहानी नहीं लिख पाते हैं या लिख भी लेते हैं तो अच्छी कहानी नहीं लिख पाते हैं तो कहानी लिखने के लिए किन किन बातों का ध्यान रखना होता है। आज हम आपको बतायेंगे कि कहानी लिखने के नियम क्या है और आप कहानी लेखन कैसे करे साथ ही यह भी सिखाएँगे कि आप एक अच्छी कहानी कैसे लिख सकते हैं। तो हमारे साथ बने रहिए हम आपको बिल्कुल सटीक जानकारी देंगे।
कहानी लेखन क्या है ?
अगर गौर करें तो प्रतिदिन हमारे आसपास बहुत सारी कहानियां घूमती है हर व्यक्ति के हर किसी कार्य में कोई ना कोई कहानी छुपी ही होती है बस जरूरत होती है उस कहानी को पहचानने की और शब्दों में सही तरीके से पिरोने की। तो हमारे आसपास होने वाली कोई भी घटना या कल्पना मात्र से सोच कर अव्यवस्थित शब्दों को व्यवस्थित करना ही कहानी लेखन होता है लेकिन ध्यान रहे कि इस कहानी का कोई अर्थ जरूर निकलना चाहिए साथ ही कोई न कोई शिक्षा जरूर मिलनी चाहिए। आपने कभी गौर किया हो तो हमारी दादी नानी द्वारा सुनाई गई कहानियां या हमारी किताबों में पाई जाने वाली कहानियों में आखिर में कोई न कोई शिक्षा जरूर होती है क्यों की कहानी लिखी ही शिक्षा देने के लिए जाती है तो कहानी लेखन करते समय शिक्षा मिलना बहुत महत्वपूर्ण है।
दिलचस्प कहानी कैसे लिखें?
कहानी लिखना एक अलग बात है और दिलचस्प कहानी लिखना एक अलग बात है। जैसे आपने देखा होगा कि किसी प्रसिद्ध व्यक्ति की जीवनी पर फिल्म बनती है उसकी जीवनी को साधारण तौर पर देखा जाए तो इतनी दिलचस्पी नहीं लगती लेकिन जब हम फिल्म में देखते हैं तो काफी दिलचस्प लगती है इसका यही कारण है कि लेखक ने बहुत ही सहज भाषा में और सही तरीके से उसके जीवन को व्यवस्थित करके फिल्म में दिखाया है। इसी तरह आप भी दिलचस्प कहानी कैसे लिख सकते हैं इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है
- कहानी का शीर्षक बेहद आकर्षक होना चाहिए
- भाषा बिल्कुल सरल व सहज होनी चाहिए
- अगर किरदारों के बीच संवाद होता है तो संवाद छोटा होना चाहिए
- कहानी समय के अनुसार क्रमबद्ध होनी चाहिए
- कहानी वास्तविक प्रतीक होनी चाहिए
- कहानी का अंत स्वभाविक होना चाहिए और शिक्षा जरूर मिलनी चाहिए
कहानी लिखने की शुरुआत कैसे करें?
कहानी लिखनी शुरू करने से पहले विचार करें की आपका इस कहानी को लिखने के पीछे उद्देश्य क्या है। उद्देश्य साफ होने के बाद एक बेहतर सा शीर्षक सोचे क्योंकि एक बेहतर शीर्षक है पढ़ने वाले को अपनी और आकर्षित करता है।और फिर जो कहानी आपके दिमाग में है उसे सरल और सहज भाषा में अपनी तरह लिखना प्रारंभ करें। ध्यान रहे की ऐसा जरूरी नहीं है कि आप एक बार में दिलचस्प कहानी लिख देंगे इसलिए एक ही कहानी को कई तरह से लिखने का प्रयास करें और बाद में सुनिश्चित करें कि कौन सी कहानी सबसे बेहतर है।
जरूरी नहीं है की जो कहानी आपको दिलचस्प लगे वह दूसरों को भी दिलचस्प लगे इसलिए अपने कुछ दोस्तों को उस कहानी को दिखाएं और उनकी राय ले की यह कहानी उन्हें दिलचस्प लगी या नहीं क्योंकि हमारे द्वारा लिखी गई कोई भी चीज हमें तो अच्छी ही लगेगी। ऐसा करके आप अपनी कहानी लिखने की स्किल को सुधार सकते हैं।
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कहानी लेखन के नियम क्या है?
शुरुआत अच्छी होनी चाहिए – कहानी लिखते समय कहानी की शुरुआत आकर्षक होना बहुत जरूरी है जैसे अंग्रेजी में कहावत भी है “फर्स्ट इंप्रेशन इज द लास्ट इंप्रेशन” क्योंकि पढ़ने वाला जब शुरू करेगा पढ़ना तो उसे अच्छा फील होना चाहिए ताकि उसका मन आगे पढ़ने का भी करें। क्योंकि आपने इतनी मेहनत से कहानी लिखी है और शुरुआत अच्छी ना लगने पर रीडर का आगे पढ़ने का मन ही नहीं किया तो फिर आपका कहानी लिखना व्यर्थ है इसलिए शुरुआत को आकर्षक बनाने में जरूर फोकस करें।
भाषा सरल होनी चाहिए – कहानी लिखते समय सरल भाषा का उपयोग करें खुद को विद्वान दिखाने के लिए जटिल शब्दों का प्रयोग ना करें ताकि पढ़ने वाले को सहज ढंग से आपकी कही गई बात समझ आ सके और उसे कोई कठिनाई ना हो जिससे कहानी पढ़ने में उसे आनंद आए। ज्यादा जटिल शब्दों का प्रयोग करने से कहानी का भाव तो बिगड़ेगा ही साथ ही पढ़ने वाला भी बस यही सोचेगा “अरे कहना क्या चाहते हो?” इसलिए सहज भाषा का ही उपयोग करें।
कहानी को क्रमबद्ध रखे – कहानी में घटित होने वाली घटनाओं का क्रम समय अनुसार ठीक होना चाहिए ऐसा नहीं होना चाहिए की कहीं की घटना कहीं बता रहे हो। जैसे पहले जन्म होता है फिर बचपन आता है फिर जवानी आती है फिर बुढ़ापा आता है और फिर मृत्यु आती है तो यह एक क्रमबद्ध रूप है अगर आप क्रमबद्ध रूप में नहीं लिखते हैं और किसी भी समय को कहीं भी लिख दे रहे हैं तो उससे कहानी पढ़ने वाले पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए कहानी में घटनाओं के समयक्रम का जरूर ध्यान रखें।
संवाद छोटे रखने का प्रयास करे – यदि आपके कहानी में दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच संवाद हो रहा है तो संवाद को छोटा रखने का प्रयास करें। यानी कि कोई एक व्यक्ति बोल रहा है तो उसके द्वारा बोली गई बात ज्यादा लंबी नहीं खींचनी चाहिए ताकि दूसरे को बोलने का मौका मिल सके और कहानी पढ़ने वाले का ध्यान एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होता रहे ताकि उसे बोरियत महसूस ना हो।
शिक्षा ज़रूर दे – कहानी लिखने या पढ़ने का कोई न कोई उद्देश्य जरूर होता है। आप वह उद्देश्य सोच कर ही कहानी लिखेंगे और पढ़ने वाले का उद्देश्य होगा कि उसे कुछ ना कुछ सीख जरूर मिले। इसलिए कहानी में शिक्षा का होना बहुत जरूरी है ताकि पढ़ने वाले के जीवन में आप की कहानी को पढ़कर कुछ वैल्यू ऐड हो सके। उसने अपने जीवन का कुछ समय आप की कहानी को पढ़ने में लगाया है तो आपका कर्तव्य बनता है कि उसे कुछ ऐसी सीख दी जाए ताकि आगे जीवन में व्यवस्थित काम आए। तभी कहानी लिखने का उद्देश्य सार्थक होगा।
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कहानी के अंत में क्या लिखना चाहिए?
कहानी के अंत में कहानी से मिलने वाली सीख यानी शिक्षा होनी चाहिए ताकि आप की कहानी को पढ़ने वाला इंसान जीवन में कुछ बेहतर कर पाए। जैसे कुछ लोग होते हैं जो बहुत प्रसिद्ध होते हैं और कुछ लोग होते हैं जो साधारण होते हैं। तो जो प्रसिद्ध लोग होते हैं वह अपने जीवन में कुछ ना कुछ ऐसा जरूर करते हैं जिससे लोगों को सीख मिल सके लोग उन्हें अपनी प्रेरणा मानते हैं क्योंकि उन्होंने अपनी जीवन रूपी कहानी को बडे ही रोमांचक तरीके से लिखा है। वही दूसरी तरफ़ जो साधारण व्यक्ति है उसके जीवन में कुछ दिलचस्प नहीं हुआ जिससे लोगों को सीख मिल सके। इसलिए कहानी के अंत में शिक्षा का होना बहुत जरूरी है शिक्षा के बिना कहानी व्यर्थ है।
कहानी लेखन का फॉर्मेट क्या है?
रूपरेखा तैयार करे – कहानी लिखना शुरू करने से पहले उसकी रूपरेखा तैयार कर ले जिसमें कहानी में होने वाली मुख्य घटनाओं का एक लेखा–जोखा हो। इस रूपरेखा के इर्द–गिर्द ही कहानी को लिखा जाना है।
शुरुआत करे – शुरुआत पर काफी ध्यान दें और अपनी भावनाओं को एक बेहतर ढंग से प्रस्तुत करें जिससे पढ़ने वाले को बोरियत महसूस ना हो। शुरुआत में शब्दों का चयन इस प्रकार करें कि पढ़ने वाले के मन में कुछ सवाल बने रहे जिनका उत्तर पाने के लिए उन्हें आगे कहानी पढ़ने की इच्छा हो।
पात्रों का परिचय – पाठक से कहानी के पात्रों का परिचय कराएं और कहानी में उनकी भूमिका क्या होगी यह भी समझाने का प्रयास करें। लेकिन सभी पात्रों को एक साथ परिचित ना करें क्योंकि कुछ पात्र ऐसे होंगे जो कहानी जैसे आगे बढ़ेगी तभी उनका किरदार आएगा यह भी ध्यान रखें।
मुख्य कहानी – अब जो कहानी आपकी कल्पनाओं में है उसको शब्दों में उकेरना शुरू करे। ध्यान रहे की पाठक को कहानी एकदम खुली किताब कि तरह ना परोसे बल्कि कुछ सस्पेंस बना कर रखे।
क्लाइमेक्स या निष्कर्ष – निष्कर्ष को काफ़ी स्मार्ट तरीक़े से लिखे जिसमें पाठको को कहानी का अर्थ भी समझ आ जाए और कुछ गुत्थियाँ सुलझे बिना भी रह जाए ताकि लोगो के मन में कुछ सवाल बने रहे। और उन सवालो के जवाब पाने के लिए लोग आपको और आपकी कहानी को याद करते रहे। जैसा कि बाहुबली फ़िल्म में किया गया था। फ़िल्म की कहानी तो सब समझ गए थे लेकिन आख़िर में एक सवाल सुलझा नहीं था कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यू मारा।
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कहानी लेखन FAQ
कहानी कितने प्रकार के होते हैं?
कहानी के मुख्यतः पाँच प्रकार होते है जो निम्न है
- घटनाप्रद कहानी
- भाव प्रधान कहानी
- चरित्र प्रधान कहानी
- वातावरण प्रधान कहानी
- मनोविश्लेषणात्मक कहानी
एक अच्छी कहानी में क्या गुण होने चाहिए?
एक अच्छी कहानी में निम्न गुण होने चाहिए
- भाषा सरल व सुबोध होनी चाहिए
- घटनाएँ समयानुसार क्रमबद्ध होनी चाहिए
- पात्रों को सही ढंग से प्रस्तुत किया जाना चाहिए
- अर्थपूर्ण होनी चाहिए
कहानी लेखन की विधिया क्या है?
कहानी लेखन की निम्न विधिया है
- अपूर्ण कहानी को पूर्ण करना
- रिक्त स्थान भरकर कहानी पूर्ण करना
- चित्र को देखकर कहानी लिखना
- पूर्णतः नई कहानी लिखना
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निष्कर्ष
आशा करता हूँ कि आप समझ पाए होंगे की कहानी लिखने के नियम क्या है और एक एक अच्छी दिलचस्प कहानी कैसे लिखी जा सकती है। शुरुआत में आपको कुछ परेशानी आ सकती सकती है लेकिन जैसे जैसे आप कहानी लिखकर अभ्यास करेंगे वैसे-वैसे आप बेहतर कहानी लिखना सीख जाएँगे। इसलिए हमारे द्वारा बतायी गई बातों पर अमल करे और एक अच्छी कहानी लिखने की शुरुआत करे।
कुछ कहानियो के उदाहरण